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Woohoo! BharOS-A Indian Operating System Launched in 2023

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS, विशेषता, चुनौतियाँ ( Indian Operating System BharOS, Features, Challenges )

21वि सदी के आरंभ से ही दूरसंचार (Telecommunication) की क्रांति में नेटवर्क के साथ-साथ स्मार्टफोन के आविष्कार और लोकप्रियता ने सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया है. इससे अपना देश भारत कैसे अछूता रह जाता. आज भारत स्मार्टफोन के बाजार का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. ऐसे में विदेशी कंपनियों पर निर्भरता जितनी कम की जा सके उतना अच्छा होगा इसके लिए स्वस्थ स्वदेशी निर्माण की आवश्यकता है. इसी प्रक्रिया में भारत ने अपना स्वदेशी स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS का आविष्कार कर लिया है. और इसे भारत सरकार द्वारा हाल ही में लोगों के लिए पेश किया गया है. आइये जानते है इस नविन ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) के बारे में विस्तार से.

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम

ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) क्या होता है?

ऑपरेटिंग सिस्टम एक प्राथमिक सॉफ्टवेयर होता है जो किसी भी डिवाइस और उमसे इन्सटाल्ड अन्य एप्लीकेशन के संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक होता है. यदि स्मार्टफोन को शरीर माना जाये तो ऑपरेटिंग सिस्टम को उसकी आत्मा कहा जा सकता है. इस समय iOS और Android प्रमुख रूप से इस्तेमाल होनेवाले ऑपरेटिंग सिस्टम है. iOS का इस्तेमाल एप्पल के I-Phone में होता है जबकि बाकी ज्यादातर स्मार्टफोन Android पर काम करते है. BharOS नवीनतम आविष्कृत भारतीय ऑपरेटिंग सिस्टम है.

BharOS क्या है? (Indian Operating System)

BharOS भारतीय सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वदेशी स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम है. जिसका निर्माण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास द्वारा किया गया है. इसे ‘भरोस’ के नाम से भी जाना जाता है. विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के दबदबे को कम करने के लिए भारत सरकार की मुहिम आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत IIT मद्रास की incubated फर्म JandK Operations Private Limited द्वारा इस स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित किया गया है. इस OS को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है। यह किसी भी प्री-लोडेड ऐप्स के साथ शिप नहीं करेगा या कोई उपयोगकर्ता डाटा साझा नहीं करेगा.

तकनीकी रूप से BharOS और Android में ज्यादा अंतर नहीं है. Indian Operating System एक एंड्राइड ओपन सोर्स (AOS) आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है. एंड्राइड की तरह इसमें डिफ़ॉल्ट ऐप या सेवाएं नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ताओं को उन एप्लीकेशन को चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा जिनसे वे अपरिचित हैं या भरोसा नहीं करते हैं. यह OS गूगल द्वारा प्रदान की जानेवाली सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करेगा यहां तक की इसमें डिफ़ॉल्ट ब्राउज़र भी क्रोम के बजाय Duck Duck Go का इस्तेमाल किया जायेगा और सन्देश के लिए Signal का इस्तेमाल किया जायेगा.

यह OS पूर्ण रूप से नवनिर्मित सॉफ्टवेयर नहीं है इसे एंड्राइड का Forked version माना जा रहा है. इसे कॉपी राईट का उल्लंघन किये बिना एंड्राइड के सोर्स कोड का इस्तेमाल कर के निर्मित किया गया है. एंड्राइड के सुरुवात से ही ओपन सोर्स कोड पर आधारित होने के कारण इसके डेटाबेस का इस्तेमाल कर नए ऑपरेटिंग सिस्टम का निर्माण किया जा सकता है यह इसी प्रकार का निर्माण है. अमाजोंन का Fire OS भी इसी तरह का ऑपरेटिंग सिस्टम है.   

सुरक्षा की दृष्टि से स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम

JandK Operations द्वारा निर्मित इस नविन OS को सुरक्षा और सुविधाओं के मामले में Android और iOS के सामान ही माना जा रहा है। Android की तरह, BharOS भी “नेटिव ओवर द एयर” (NOTA) अपडेट प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि सॉफ्टवेयर अपडेट स्वचालित रूप से डिवाइस पर डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाएंगे। इसके अलावा बग फिक्स भी स्वतः हो जायेगा. इस नए OS का वर्तमान ध्यान विशेष रूप से उच्च सुरक्षा और गोपनीयता आवश्यकताओं वाले उपयोगकर्ताओं पर है.

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्तमान इस्तेमाल.

IIT मद्रास द्वारा स्पष्ट किया गया है की “BharOS की सेवाएं वर्तमान में उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिनके पास कड़ी गोपनीयता और सुरक्षा की आवश्यकताएं हैं. जो उपयोगकर्ता संवेदनशील जानकारी को स्वतः संभालते हैं और जिन्हें मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप्स पर सीक्रेट  कम्युनिकेशन की आवश्यकता होती है ऐसे उपयोगकर्ताओं को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाओं तक पहुंच के जरिये इसके वर्तमान सुरुवाती इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.

Indian Operating System की विशेषता

  1. BharOS सुरक्षा की दृष्टि से एक उम्दा विकल्प है.
  2. इसमें में पहले से ही इंस्टाल्ड सेवाएं और एप्लीकेशन नहीं है.
  3. उपयोगकर्ता अपनी पसंद के ऐप को डाउनलोड  कर सकेंगे.
  4. उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार ऐप्स के लिए अनुमति प्रदान कर सकेंगे.
  5. इसमें विश्वसनीय निजी ऐप्स का इस्तेमाल सुरक्षित रूप से किया जा सकेगा.
  6. सुरक्षा अपडेट और बग फिक्स स्वतः इंस्टाल्ड हो जायेंगे.
  7. यह प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विस (PASS) का इस्तेमाल करेगा जिसमें सुरक्षा के मापदंड की पूर्ति करने वाले विशिष्ट ऐप्स को ही शामिल किया जायेगा.

BharOS की चुनौतियाँ.

  1. BharOS एंड्राइड का Forked Version होने के नाते गूगल की प्ले प्रोटेक्ट सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर सकता अतः इसे अपना सुरक्षा तंत्र निर्मित करना होगा. गूगल प्ले प्रोटेक्ट सर्विस मैलवेयर और हैकिंग से डिवाइस को सुरक्षित रखता है.
  2. स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल प्ले स्टोर के ऐप्स का इस्तेमाल नहीं कर सकता अतः इसे अपना अलग ऐप स्टोर निर्मित करना होगा.
  3. BharOS के सामने एंड्राइड और IOS जैसे दिग्गज ऑपरेटिंग सिस्टम से मुकाबले की चुनौती है जिनका बाजार पर पहले ही कब्ज़ा है और सर्विस के मामले में अति उत्तम है.
  4. इस OS के लिए थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर को एक छत्र में लाने की चुनौती है क्योंकि इसी प्रकार के अन्य माइक्रोसोफ्ट, सैमसंग और ब्लैक बेरी के ऑपरेटिंग सिस्टम विफल हो चुके है.
  5. इस OS के साथ फोन लॉन्च करने के लिए स्मार्टफोन निर्माताओं को आश्वस्त करना भी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि पिछली विफलताओं को देखते हुए एक नए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ फोन लॉन्च करने का रिस्क कोई नहीं लेना चाहेगा.

FAQs

Q. BharOS का निर्माण किसने किया है?

A. इस OS का निर्माण IIT मद्रास की फर्म JandK Operations Private Limited द्वारा किया गया है.

Q. एंड्राइड का भारतीय विकल्प क्या है?

A. BharOS एंड्राइड का भारतीय विकल्प है.

Q. इस OS के प्रमुख कॉम्पिटिटर कौन से है?

A. एंड्राइड और IOS इसके प्रमुख प्रतियोगी है.

Q. यह OS किस स्मार्टफोन ब्रांड में आयेगा?

A. अभी तक इस OS के लिए किसी भी स्मार्टफोन निर्माता के साथ कोई करार नहीं किया गया है.

Q. क्या स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड पर आधारित है?

A. यह OS एंड्राइड का Forked Version है.

Q. इस OS को बाजार में कब उतरा जायेगा?

A. अभी तक इसकी पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है.

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